सत्यवचन

सीरत

हमारा रवय्या कुछ ऐसा है की, हम सामने वाले की पहचान उसके सुरत से करते है ,ना की उसके सीरत से , जो उससे करनी चाहिए, हम भूल गयें है की, सोना अक्सर लोहे के तिजोरी में ही मेहफूज रखा जाता है. उसी तरह अगर हमें सामने वालेको सीरत से पहचानना शुरु कर दे तो लोगों की परख करना आसान हो जाएगा और किसीको भी अपने मुस्कुराहट के पिछे गम छिपाने की जरुरत नहीं पडेगी.

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